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"अचानक / नीलेश रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर

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तुम्हारे सोए स्वप्नों को
 
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छुएगा मेरा मन।
 
छुएगा मेरा मन।
 
 
अचानक
 
अचानक
 
 
गाएगा गीत समुद्री पक्षी
 
गाएगा गीत समुद्री पक्षी
 
 
खिलेगा कोई फूल
 
खिलेगा कोई फूल
 
 
इच्छा की मानिंद
 
इच्छा की मानिंद
 
 
कानों में पड़ी बालियाँ
 
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झिलमिलाएंगी हँसी में।
 
झिलमिलाएंगी हँसी में।
 
 
सबसे सुन्दर सबसे सुखद
 
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जाग उठना तुम्हारे सोए स्वप्नों का।
 
जाग उठना तुम्हारे सोए स्वप्नों का।
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15:37, 5 मार्च 2010 के समय का अवतरण

तुम्हारे सोए स्वप्नों को
छुएगा मेरा मन।
अचानक
गाएगा गीत समुद्री पक्षी
खिलेगा कोई फूल
इच्छा की मानिंद
कानों में पड़ी बालियाँ
झिलमिलाएंगी हँसी में।
सबसे सुन्दर सबसे सुखद
जाग उठना तुम्हारे सोए स्वप्नों का।