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♦ रचनाकार: अज्ञात
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---सोहले लड़का होने की खुशी में गाए जाते हैं---
अंगण खज़ूरां मैं लाईआं, मन मेरड़िआ
मैं घक़ कम्म ज़रूर, वीरां घर सोहलड़े
माई मेरी ने भाजी घल्ली, मन मेरड़िआ
पेके तां जाणा ज़रूर, वीरां घर सोहलड़े
देईं नी सस्से झग्गा टोपी, सस्सु मेरड़िए
मैं पेकड़े जाणा ज़रूर, वीरां घर सोहलड़े
लै लै नी नूहें झग्गा टोपी, नूहें मेरड़िए
आपनड़े घर राज, दिऊरां घर सोहलड़े
लिआ वे दिऊरा घोड़ी, दिऊरा मेरड़िआ
मैं पेकड़े जाणा ज़रूर, वीरां घर सोहलड़े
वड्डी भैण ने सद्दा दित्ता, वीरां मेरड़िआ
छोटी तूं आई ज़रूर, वीरां घर सोहलड़े