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"आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे / गा़लिब" के अवतरणों में अंतर

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(आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे / गा़लिब का नाम बदलकर आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे / ग़ालि)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:03, 7 मार्च 2010 के समय का अवतरण