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"देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाये है / गा़लिब" के अवतरणों में अंतर

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(देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाये है / गा़लिब का नाम बदलकर देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ ज)
 
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22:22, 7 मार्च 2010 के समय का अवतरण