भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अधिनायक / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रघुवीर सहाय }} राष्ट्रगीत में भला कौन वह<br> भारत-भाग्य-व...)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=रघुवीर सहाय
+
|रचनाकार =रघुवीर सहाय  
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita‎}}
राष्ट्रगीत में भला कौन वह<br>
+
<poem>
भारत-भाग्य-विधाता है<br>
+
राष्ट्रगीत में भला कौन वह
फटा सुथन्ना पहने जिसका<br>
+
भारत-भाग्य-विधाता है
गुन हरचरना गाता है।<br>
+
फटा सुथन्ना पहने जिसका
मखमल टमटम बल्लम तुरही<br>
+
गुन हरचरना गाता है।
पगड़ी छत्र चंवर के साथ<br>
+
मखमल टमटम बल्लम तुरही
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर<br>
+
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
जय-जय कौन कराता है। <br>
+
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
पूरब-पश्चिम से आते हैं<br>
+
जय-जय कौन कराता है।  
 +
पूरब-पश्चिम से आते हैं
 
नंगे-बूचे नरकंकाल<br>
 
नंगे-बूचे नरकंकाल<br>
सिंहासन पर बैठा,उनके<br>
+
सिंहासन पर बैठा,उनके
तमगे कौन लगाता है। <br>
+
तमगे कौन लगाता है।  
कौन-कौन है वह जन-गण-मन<br>
+
कौन-कौन है वह जन-गण-मन
अधिनायक वह महाबली<br>
+
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका<br>
+
डरा हुआ मन बेमन जिसका
 
बाजा रोज बजाता है।
 
बाजा रोज बजाता है।
 +
</poem>

00:25, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण

राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत-भाग्य-विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है।
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है।
पूरब-पश्चिम से आते हैं
नंगे-बूचे नरकंकाल

सिंहासन पर बैठा,उनके
तमगे कौन लगाता है।
कौन-कौन है वह जन-गण-मन
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है।