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"प्रश्न / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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आमने-सामने बैठे थे
 
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रामदास मनुष्य और मानवेन्द्र मंत्री
 
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रामदास बोले आप लोगों को मार क्यों रहे हैं ?
 
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मानवेन्द्र भौंचक सुनते रहे
 
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थोड़ी देर बाद रामदास को लगा
 
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कि मंत्री कुछ समझ नहीं पा रहे हैं
 
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और उसने निडर होकर कहा
 
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आप जनता की जान नहीं ले सकते
 
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सहसा बहुत से सिपाही वहाँ आ गए ।
सहसा बहुत से सिपाही वहां आ गए ।
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(कवि के मरणोपरांत प्रकाशित 'एक समय था' नामक कविता-संग्रह से )
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00:53, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण

आमने-सामने बैठे थे
रामदास मनुष्य और मानवेन्द्र मंत्री
रामदास बोले आप लोगों को मार क्यों रहे हैं ?
मानवेन्द्र भौंचक सुनते रहे
थोड़ी देर बाद रामदास को लगा
कि मंत्री कुछ समझ नहीं पा रहे हैं
और उसने निडर होकर कहा
आप जनता की जान नहीं ले सकते
सहसा बहुत से सिपाही वहाँ आ गए ।