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"अहले-दिल और भी हैं / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
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− | चाक दिल और भी हैं चाक क़बा और भी हैं | + | चाक दिल और भी हैं चाक क़बा और भी हैं |
− | क्या हुआ गर मेरे यारों की ज़ुबानें चुप हैं | + | क्या हुआ गर मेरे यारों की ज़ुबानें चुप हैं |
− | मेरे शाहिद मेरे यारों के सिवा और भी हैं | + | मेरे शाहिद मेरे यारों के सिवा और भी हैं |
− | सर सलामत है तो क्या संग-ए-मलामत की कमी | + | सर सलामत है तो क्या संग-ए-मलामत की कमी |
− | जान बाकी है तो पैकान-ए-कज़ा और भी हैं | + | जान बाकी है तो पैकान-ए-कज़ा और भी हैं |
− | मुंसिफ़-ए-शहर की वहदत पे न हर्फ़ आ जाये | + | मुंसिफ़-ए-शहर की वहदत पे न हर्फ़ आ जाये |
लोग कहते हैं कि अरबाब-ए-जफ़ा और भी हैं | लोग कहते हैं कि अरबाब-ए-जफ़ा और भी हैं | ||
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12:05, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण
अहले-ए-दिल और भी हैं अहल-ए-वफ़ा और भी हैं
एक हम ही नहीं दुनिया से ख़फ़ा और भी हैं
हम पे ही ख़त्म नहीं मस्लक-ए-शोरीदासरी
चाक दिल और भी हैं चाक क़बा और भी हैं
क्या हुआ गर मेरे यारों की ज़ुबानें चुप हैं
मेरे शाहिद मेरे यारों के सिवा और भी हैं
सर सलामत है तो क्या संग-ए-मलामत की कमी
जान बाकी है तो पैकान-ए-कज़ा और भी हैं
मुंसिफ़-ए-शहर की वहदत पे न हर्फ़ आ जाये
लोग कहते हैं कि अरबाब-ए-जफ़ा और भी हैं