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"किते चोर बने किते काज़ी हो / बुल्ले शाह" के अवतरणों में अंतर
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20:09, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण
कहीं आप चोर हैं, कहीं क़ाज़ी हैं,
कहीं मंच पर चढ़े प्रचारक हैं,
और कहीं शहीद गुरु तेगबहादुर हैं,
आप अपनी सेना स्वयं बनाते हैं,
अब आप स्वयं को किससे छुपा रहे हैं।
मूल पंजाबी पाठ
किते चोर बने किते काज़ी हो,
किते मिम्बर ते बेह वाज़ी हो।
किते तेग बहादुर ग़ाज़ी हो
आपे अपना कटक बनाई दा,
हुण किस तों आप लुकाई दा।