"इब्ने-मरियम हुआ करे कोई / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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− | + | इब्ने-मरियम <ref>मरियम के बेटे यानि ईसा </ref> हुआ करे कोई | |
मेरे दुख की दवा करे कोई | मेरे दुख की दवा करे कोई | ||
− | + | शरअ-ओ-आईन<ref>पवित्र और धर्मनिरपेक्ष कानून</ref> पर मदार<ref>आधारित</ref> सही | |
ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई | ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई | ||
− | चाल, जैसे कड़ी | + | चाल, जैसे कड़ी कमाँ का तीर |
− | दिल में ऐसे के जा करे कोई | + | दिल में ऐसे के जा<ref>जगह</ref> करे कोई |
− | बात पर | + | बात पर वाँ ज़बान कटती है |
वो कहें और सुना करे कोई | वो कहें और सुना करे कोई | ||
− | बक रहा हूँ | + | बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ |
कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई | कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई | ||
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क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से | क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से | ||
− | अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला</ref> करे कोई | + | अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला,पथ-प्रदर्शक</ref> करे कोई |
जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब" | जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब" |
02:20, 14 मार्च 2010 के समय का अवतरण
इब्ने-मरियम <ref>मरियम के बेटे यानि ईसा </ref> हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
शरअ-ओ-आईन<ref>पवित्र और धर्मनिरपेक्ष कानून</ref> पर मदार<ref>आधारित</ref> सही
ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई
चाल, जैसे कड़ी कमाँ का तीर
दिल में ऐसे के जा<ref>जगह</ref> करे कोई
बात पर वाँ ज़बान कटती है
वो कहें और सुना करे कोई
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ
कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई
न सुनो गर बुरा कहे कोई
न कहो गर बुरा करे कोई
रोक लो, गर ग़लत चले कोई
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई
कौन है जो नहीं है हाजतमंद<ref>ज़रूरतमंद</ref>
किसकी हाजत<ref>ज़रूरत</ref> रवा<ref>पूरी</ref> करे कोई
क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से
अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला,पथ-प्रदर्शक</ref> करे कोई
जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब"
क्यों किसी का गिला करे कोई