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{{KKRachna
|रचनाकार= ग़ालिब
|संग्रह= दीवान-एदीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना<ref>शराब का प्याला और सुराही</ref>, मेरे आगे
हमपेशा-ओ-हममशरबहमशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी/सहपंथी,मेरे जैसा शराबी और विश्वासपात्र</ref> है मेरा
'ग़ालिब' को बुरा क्यों, कहो अच्छा, मेरे आगे
</poem>
{{KKMeaning}}
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