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"जिगरवाला / चले हैं बाराती बन ठन के" के अवतरणों में अंतर

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चलें हैं बाराती बन ठन के खुशियों से घुंघरू भी खनके -२ <br />
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लेके जायेंगे दुल्हन पूरा करेंगे वचन, डर डर के नहीं रे तन तन के <br />
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हडी पा...  <br />
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|वर्ग= विवाह गीत
चलें हैं बाराती बन ठन के खुशियों से घुंघरू भी खनके -२ <br />
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लेके जायेंगे दुल्हन पूरा करेंगे बचन, डर डर के नहीं रे तन तन के <br />
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तेरी तो ... <br />
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|रचनाकार=??
चलें हैं बाराती बन ठन के खुशियों से घुंघरू भी खनके -२ <br /><br />
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}}
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<poem>
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चलें हैं बाराती बन ठन के  
 +
खुशियों से घुंघरू भी खनके
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लेके जायेंगे दुल्हन, पूरा करेंगे वचन
 +
डर डर के नहीं रे, तन तन के
  
हो ओ हो... आ आ आ.. हो ओ हो ओ... <br />
+
अरे देखो देखो यार मेरा दूल्हा बना है
अरे देखो देखो यार मेरा दूल्हा बना है सर पे उमंगो का सेहरा बंधा है -२  <br />
+
सर पे उमंगों का सेहरा बंधा है
सर पे उमंगो का सेहरा बंधा है <br />
+
मस्तियों का जाने कैसा जादू चला है  
मस्तियों का जाने कैसा जादू चला है <br />
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बिन पिए देखो नशा चढ़ने लगा है
बिन पीये देखो नशा चड़ने लगा है <br />
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होके घोड़ी पे सवार, बड़ा जचता है यार  
बिन पीये हाय नशा चड़ने लगा है <br />
+
सब नाचते हैं यार, बचपन के   
होके घोड़ी पे सवार बड़ा जचता है यार <br />
+
चलें हैं बाराती बन ठन के...
सब नाचते हैं यार बचपन के  <br /><br />
+
  
हडी पा ..<br />
+
बड़े ही जिगरवाले यार के बाराती
चलें हैं बाराती बन ठन के खुशियों से घुंघरू भी खनके <br /><br />
+
जो भी हैं कंवारे वही ढूँढ लेंगे साथी
 
+
लड़की की सारी ही सहेलियां हैं प्यारी
हो ओ ओ ... आ आ आ.. हो ओ हो ओ हो ... <br />
+
उन में से चुन लेना तुम बारी बारी
अरे..  बड़े ही जिग्रवाले यार के बाराती जो भी हैं कंवारे वो ही धुंद लेंगे साथ  -२ <br />
+
यही गाये शहनाई, खूब जोड़ी ये बनाई
जो भी हैं कंवारे वो ही ढूंड लेंगे साथ <br />
+
उस रब ने गुलाब, चुन चुन के  
हाय लड़की की सारी ही सहेलियां हैं प्यारी,  आये.. हाय.. <br />
+
चले हैं बाराती बन ठन के...
उन में से चुन लेना तुम बारी बारी -२  <br />
+
</poem>
यही गाये सहनाई, खूब जोड़ी ये बने <br />
+
उस रब ने गुलाब चुन चुन के <br />
+
तेरी तो... <br />
+
चले हैं बाराती बन थक के खुशियों से घुंघरू भी खनके <br />
+
तेरी तो ... हड्डी पा .... तेरी तो .. हडी पा <br />
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05:43, 19 मार्च 2010 के समय का अवतरण

रचनाकार: ??                 

चलें हैं बाराती बन ठन के
खुशियों से घुंघरू भी खनके
लेके जायेंगे दुल्हन, पूरा करेंगे वचन
डर डर के नहीं रे, तन तन के

अरे देखो देखो यार मेरा दूल्हा बना है
सर पे उमंगों का सेहरा बंधा है
मस्तियों का जाने कैसा जादू चला है
बिन पिए देखो नशा चढ़ने लगा है
होके घोड़ी पे सवार, बड़ा जचता है यार
सब नाचते हैं यार, बचपन के
चलें हैं बाराती बन ठन के...

बड़े ही जिगरवाले यार के बाराती
जो भी हैं कंवारे वही ढूँढ लेंगे साथी
लड़की की सारी ही सहेलियां हैं प्यारी
उन में से चुन लेना तुम बारी बारी
यही गाये शहनाई, खूब जोड़ी ये बनाई
उस रब ने गुलाब, चुन चुन के
चले हैं बाराती बन ठन के...