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"जिस देश में गंगा बहती है / जिस देश में गंगा बहती है" के अवतरणों में अंतर

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<poem>होठों पे सच्चाई रहती है
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हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं \-२
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होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
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हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं  
 
जिस देश में गंगा बहती है
 
जिस देश में गंगा बहती है
  
(मेहमां जो हमारा होता है
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मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
वो जान से प्यारा होता है)- २
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ज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुज़ारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको
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बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती है
(थोड़े मे गुज़ारा होता है)- २
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हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
बच्चों के लिये जो धरती माँ
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सदियों से सभी कुछ सहती है
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हम उस देश के वासी हैं,
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हम उस देश के वासी हैं
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जिस देश में गंगा बहती है
 
जिस देश में गंगा बहती है
  
(कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
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कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं)- २
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ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले
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मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती है
(हर जान की कीमत जानते हैं)- २
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हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो
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एक चीज़ यही जो रहती है
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हम उस देश के वासी हैं,
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हम उस देश के वासी हैं
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जिस देश में गंगा बहती है
 
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती है...
 
  
(जो जिससे मिला सिखा हमने
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जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
गैरों को भी अपनाया हमने)- २
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मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर
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अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
(रोटी को नही पूजा हमने)- २
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हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
अब हम तो क्या सारी दुनिया
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सारी दुनिया से कहती है
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हम उस देश के वासी हैं,
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हम उस देश के वासी हैं
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जिस देश में गंगा बहती है
 
जिस देश में गंगा बहती है
 
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होठों पे सच्चाई रहती है
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जहां दिल में सफ़ाई रहती है
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हम उस देश के वासी हैं,
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हम उस देश के वासी हैं
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जिस देश में गंगा बहती है</poem>
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20:29, 19 मार्च 2010 का अवतरण

रचनाकार: शैलेन्द्र                 

होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुज़ारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है