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"दूर की आवाज़ / हम भी अगर बच्चे होते" के अवतरणों में अंतर

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02:30, 20 मार्च 2010 का अवतरण

रचनाकार् - शकील् बदयुनि


Happy birthday to you
Happy birthday to you

हम् भी अगर् बच्चे होते
हम् भी अगर् बच्चे होते

नाम् हमार होता बब्लू डब्लू
खाने को मिलते लड्डू
और् दुनिया केहती
Happy birthday to you ...

कोई लाता गुडिया मोटर् रैल्
तो कोइ लाता फिर्की लट्टू
कोई चाबी का टट्टू
और् दूनिया केहती
Happy birthday to you ...

कितनी प्यारि होती है ये भोली सी उमर्
न नौक्री की चिन्ता ना रोटी की फिकर्
नन्हे मुन्ने होते हम् तो देते सौ हुक्म्
पीछे फिर्ते डैडी मम्मी बनके नौकर्
चौकलेट् बिस्कुट् टोफी खाते
और् पीते दुद्दू
और् दूनिया केहती
Happy birthday to you ...
हम् भी अगर् बच्चे होते ...

कैसे कैसे नखरे करते
घर् वालो से हम्
पल् मे हँस्ते पल् मे रोते
करते नाक् मे दम्
अक्कड् बक्कड् लुक्का छुप्पी
कभी छुआ छू
करते दिन् भर् हल्ला गुल्ला
दगां और् ऊधम्
और् कभी जीद् पर् अड् जाते
जैसे अडीयल् टट्टू
और् दूनिया केहती
Happy birthday to you ...
हम् भी अगर् बच्चे होते ...

अब् तो है ये हाल् की जब् से बीता बचपन्
मा से झगडा बाप् से टक्कर् बिवि से अन्-बन्
कोल्हु के हम् बैल् बने है
धोबि के गधे
दुनिय भर् के डन्डे सर् पे खाये दना दन्
बचपन् अपना होता तो ना करते ढेँचु ढेँचु
और् दूनिया केहती
Happy birthday to you ...
हम् भी अगर् बच्चे होते ...