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"कभी कभी / मेरे घर आई एक नन्ही परी" के अवतरणों में अंतर

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मेरे घर आयी एक नन्ही परी
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मेरे घर आई एक नन्ही परी
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चाँदनी के हसीन रथ पे सवार
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मेरे घर आई..
  
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होंठ जैसे के भीगे-भीगे गुलाब
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गाल जैसे के बहके-बहके अनार
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मेरे घर आई ...
  
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उसके आने से मेरे आंगन में
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खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
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देख कर उसको जी नहीं भरता
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चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार
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मेरे घर आई ...
  
उसके आने से मेरे आंगन मे
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मैने पूछा उसे कि कौन है तू
 
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हँसके बोली कि मैं हूँ तेरा प्यार
खिल उठे फुल गुनगुनायी बहार
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मैं तेरे दिल में थी हमेशा से
 
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घर में आई हूँ आज पहली बार
देखकर उसको जी नही भरता
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मेरे घर आई ...
 
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चाहे देखू उसे हज़ारो बार
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मैने पूंछा उसे कि कौन है तू
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हंस के बोली कि मै हू तेरा प्यार
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मै तेरे दिल मे थी हमेशा से  
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घर मे आयी हू आज पहली बार
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मेरे घर आयी एक नन्ही परी
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03:44, 20 मार्च 2010 के समय का अवतरण

रचनाकार: साहिर लुधियानवी                 

मेरे घर आई एक नन्ही परी
चाँदनी के हसीन रथ पे सवार
मेरे घर आई..

उसकी बातों में शहद जैसी मिठास
उसकी सासों में इतर की महकास
होंठ जैसे के भीगे-भीगे गुलाब
गाल जैसे के बहके-बहके अनार
मेरे घर आई ...

उसके आने से मेरे आंगन में
खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
देख कर उसको जी नहीं भरता
चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार
मेरे घर आई ...

मैने पूछा उसे कि कौन है तू
हँसके बोली कि मैं हूँ तेरा प्यार
मैं तेरे दिल में थी हमेशा से
घर में आई हूँ आज पहली बार
मेरे घर आई ...