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"हम इन्तज़ार करेंगे तेरा क़यामत तक / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर

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यह इन्तज़ार सलामत हो और तू आए
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खड़े हैं दीद की हसरत लिए निगाहों में
 
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वो ख़ुशनसीब हो जिसको तू इन्तिख़ाब करे
वो ख़ुशनसीब हो जिसको तू इन्तेख़ाब करे
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05:49, 21 मार्च 2010 के समय का अवतरण

हम इन्तज़ार करेंगे तेरा क़यामत तक
ख़ुदा करे कि क़यामत हो और तू आए

यह इन्तज़ार भी एक इम्तिहान होता है
इसी से इश्क का शोला जवान होता है
यह इन्तज़ार सलामत हो और तू आए

बिछाए शौक़ के सजदे वफ़ा की राहों में
खड़े हैं दीद की हसरत लिए निगाहों में
कुबूल दिल की इबादत हो और तू आए

वो ख़ुशनसीब हो जिसको तू इन्तिख़ाब करे
ख़ुदा हमारी मोहब्बत को कामयाब करे
जवाँ सितार-ए-क़िस्मत हो और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो और तू आए