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अपना काम / अजित कुमार

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चीख़-चीख़ कर उन्होंने
दुनिया-भर की नींद हराम नहीं कर दी
नाक चढाचढ़ा, भौं उठा
सबको नीचे नहीं गिराया
पूरी सुबह के दौरान
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