भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पहला शिकार / कुमार सुरेश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: पहला शिकार <poem>मानते थे वे धार्मिकों अधार्मिकों अपनों और अपने नह…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | <poem>मानते थे वे | + | {{KKRachna |
+ | |रचनाकार=कुमार सुरेश | ||
+ | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
+ | <poem> | ||
+ | मानते थे वे | ||
धार्मिकों अधार्मिकों | धार्मिकों अधार्मिकों | ||
अपनों और अपने नहीं के बीच | अपनों और अपने नहीं के बीच | ||
चल रहा है अनवरत युद्ध | चल रहा है अनवरत युद्ध | ||
+ | |||
इसीलिए | इसीलिए | ||
हर समय रहते थे सन्नद्ध | हर समय रहते थे सन्नद्ध | ||
+ | |||
एक दिन | एक दिन | ||
इस युद्ध में | इस युद्ध में |
11:08, 29 मार्च 2010 के समय का अवतरण
मानते थे वे
धार्मिकों अधार्मिकों
अपनों और अपने नहीं के बीच
चल रहा है अनवरत युद्ध
इसीलिए
हर समय रहते थे सन्नद्ध
एक दिन
इस युद्ध में
जो पहला आदमी गिरा
वो वही थे