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"हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है / सतपाल 'ख़याल'" के अवतरणों में अंतर
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− | मेरा चर्चा हमेशा आपकी | + | मेरा चर्चा हमेशा आपकी महफिल में रहता है |
− | वो मालिक है सब उसका है वो हर ज़र्रे | + | कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी सहरा, कभी परबत |
− | + | उसी को खोजते हैं सब जो सबके दिल में रहता है | |
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+ | वो दाता को भी देता है वो खुद साइल में रहता है | ||
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+ | "ख़याल" उससे शिकायत कर जो हल कर दे तेरी मुशकिल | ||
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12:29, 30 मार्च 2010 का अवतरण
ग़ज़ल
हमारे दिल की मत पूछो, बड़ी मुशकिल में रहता है
हमारी जान का का दुशमन हमारे दिल में रहता है
कोई शाइर बताता है, कोई कहता है दीवाना
मेरा चर्चा हमेशा आपकी महफिल में रहता है
कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी सहरा, कभी परबत
उसी को खोजते हैं सब जो सबके दिल में रहता है
वो मालिक है सब उसका है ,वो हर ज़र्रे मे है शामिल
वो दाता को भी देता है वो खुद साइल में रहता है
"ख़याल" उससे शिकायत कर जो हल कर दे तेरी मुशकिल
करेगा हल वो क्या मुशकिल जो खुद मुशकिल में रहता है