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"प्यार मुझसे जो किया तुमने / जावेद अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे
मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी <br><br>
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हमसफ़र मुझको बनाओगी तो पछताओगी
  
क्यूं मेरे साथ कोइ और परेशान रहे <br>
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एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने  
मेरी दुनिया है जो वीरान तो वीरान रहे <br>
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अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने  
ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे <br>
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ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने  
हमसफ़र मुझको बनओगी तो पछताओगी <br><br>
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क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी  
 
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अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने <br>
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ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने <br>
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क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी <br><br>
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19:18, 30 मार्च 2010 का अवतरण

प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी
मेरे हालत की आंधी में बिखर जाओगी

रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ
ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ
ख़्वाब क्यूँ देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ
मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी

क्यूं मेरे साथ कोई और परेशान रहे
मेरी दुनिया है जो वीरान तो वीरान रहे
ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे
हमसफ़र मुझको बनाओगी तो पछताओगी

एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने
अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने
ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने
क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी