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"एक पक्षी / सुतिन्दर सिंह नूर" के अवतरणों में अंतर

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मैं जब
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तेरे आने के बाद
तेरे अंगों में उतर गया
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एक पक्षी
मुझे घोंसलों में
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मेरे अन्दर घोंसला बनाता है
चहचहाते पक्षी
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गहराइयों में खो जाता है।
और
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आँखें खोलतीं नर्म कोमल पत्तियाँ
+
बहुत प्यारी लगने लगीं।
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0
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जब मैं
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तेरे दो झीलों वाले शहर में आया
+
तफ़ान मेरी आँखों में जागे
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और हंस
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उन झीलों में डूब गए।
+
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जो सूर्य
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तुम से बिछुड़ते हुए
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तेरे शहर में
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डूब गया था
+
वही सूर्य मैं
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इस शहर में ढूँढ़ रहा हूँ।
+
  
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तेरे जाने के बाद
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एक पक्षी
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खुले आकाश में उड़ता है
 +
उकाब की भांति
 +
अंतरिक्षों को चीरता है
 +
और खो जाता है।
  
 
'''मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : सुभाष नीरव
 
'''मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : सुभाष नीरव
 
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20:44, 12 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

तेरे आने के बाद
एक पक्षी
मेरे अन्दर घोंसला बनाता है
गहराइयों में खो जाता है।

तेरे जाने के बाद
एक पक्षी
खुले आकाश में उड़ता है
उकाब की भांति
अंतरिक्षों को चीरता है
और खो जाता है।

मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : सुभाष नीरव