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"जिंदा शहर / लाल्टू" के अवतरणों में अंतर
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12:03, 25 अप्रैल 2010 का अवतरण
चालीस किलोमीटर प्रति घण्टे
फिसलती सड़क रूकी अचानक
सभी पैसेन्जर
बढ़ आये गेट तक
ओए-उस बूढ़े ने कहा
तेरी-कोई और चीखा
उछल पड़े
चार लोग
उस मनहूस पर
जो एक औरत को पीट रहा था
बस फिर चल पड़ी
इस बेजान शहर में
सब कुछ सुंदर लगने लगा अचानक
कहता रहा खुद से बार-बार
जान है, अभी यहॉं जान है.