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सिन्दबाद : दो / अवतार एनगिल

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|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>दुःख की धार पर चलताबह वह तेज़ धूप की तरह आया
और सारे कर्ज़ चुकाकर
बन बैठा--बड़ा सौदागर।
शामिल हो गईं
एक मासूम चिड़िया
रुकें रुक पक्षी के
सक्षम उड़ान संग।
धरती से---सागर से---आकाश तक