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"मंगल ग्रह इस पृथ्वी के बहुत पास आ गया है / विनोद कुमार शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
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16:28, 27 अप्रैल 2010 का अवतरण
मंगल ग्रह इस समय पृथ्वी के बहुत पास आ गया है
वहॉं किसी जीव के न होने का सन्नाटा
अब पृथ्वी के पड़ोस में कोई नहीं
समय पड़ने पर पृथ्वी का कौन साथ देगा
पृथ्वी के सुख-दुःख
उसके नष्ट होने
और समृद्ध होने का कौन साक्षी होगा.
सुनो मेरे पड़ोसी
सबके अड़ोसी पड़ोसी
और पड़ोस के बच्चे
जो एक दूसरे की छतों में
कूदकर आते जाते है,
मंगलग्रह इस समय पृथ्वी के बहुत समीप है-
पृथ्वी के बच्चों कूदो
तुम्हारा मंगल हो
वायु, जल, नभ,
धरती, समुद्र, तुम्हारा मंगल हो
दूब, पर्वत, वन
तुम्हारा मंगल हो
मगलू! तुम्हारा मंगल हो
पृथ्वी से दूर अमंगल, मंगल हो.