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"अन्न-1 / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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धरती की ऊष्‍मा में पकते हैं
 
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और कटने से बहुत पहले
 
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पहुंच जाते हैं चुपके से
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किसान की नींद में
 
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कि देखो हम आ गए
 
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तुम्‍हारी तिथि और स्‍वागत की
 
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किसान की बिटिया के हाथों
 
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पकेंगे बटुली के खौलते जल में
 
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और एक भूखे गॉंव की खुशी में
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अपने दूधियापन से
 
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जगर-मगर करते गाँव का मन।
 
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19:12, 28 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

अन्‍न
धरती की ऊष्‍मा में पकते हैं
और कटने से बहुत पहले
पहुँच जाते हैं चुपके से
किसान की नींद में
कि देखो हम आ गए
तुम्‍हारी तिथि और स्‍वागत की
तैयारियों को ग़लत साबित करते

अन्‍न
अपने सपनों में
कोई जगह नहीं देते
गोदामों और मंडियों को

अन्‍न धुलेंगे
किसान की बिटिया के हाथों
पकेंगे बटुली के खौलते जल में
और एक भूखे गाँव की खुशी में
बदल जाएँगे

अन्‍न
पक्षियों की चोंच में बैठकर
करेंगे अपनी यात्रा

माढ़ बनकर
गाय का कंठ करेंगे तर
और अगली सुबह
उसके थन में
दूध बनकर मुस्‍कुराएँगे

अन्‍न
हमेशा-हमेशा रहेंगे
प्रलय से पहले
प्रलय के बाद

हमेशा-हमेशा
अपने दूधियापन से
जगर-मगर करते गाँव का मन।