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"पतझड़-2 / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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पतझड़ में
 
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किस चीज के बारे में सोचते हैं आप
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क्‍या आप साइकिल के
 
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अगले टायर को लेकर परेशान हैं
 
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जिसका बदलना
 
जिसका बदलना
अब नितान्‍त जरूरी हो गया है?
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या परेशान हैं घुटनों के दर्द से
 
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जो प्रायः इसी मौसम में
 
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जकड़ लेता है आपको?
 
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मैं चाहता हूं कि आप अपनी व्‍यस्‍तता से
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बस थोड़ा-सा समय निकालिये
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और सोचिये नहीं सिर्फ देखिये
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और सोचिए नहीं सिर्फ़ देखिए
 
टूटना पतझड़ में पीले पत्‍तों का
 
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कि उनमें कॉंप रहा है क्‍या कुछ?
 
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जीवन? स्‍मृति? मृत्‍यु?
 
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या सिर्फ उन्‍हीं की अंतिम सांसें?
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या सिर्फ़ उन्‍हीं की अंतिम साँसें?
  
पत्‍तों में कांपता है पृथ्‍वी का मन
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पत्‍तों में काँपता है पृथ्‍वी का मन
 
प्‍यार, स्‍वप्‍न और
 
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अदम्‍य आकांक्षाओं से भरा मन
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अदम्‍य आकाँक्षाओं से भरा मन
  
क्‍या आप सिर्फ एक बार
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देख सकते हैं  
 
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एक प्‍यार से भरे मन का टूटना?
 
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19:37, 1 मई 2010 के समय का अवतरण

पतझड़ में
किस चीज़ के बारे में सोचते हैं आप
सबसे ज़्यादा

क्‍या आप साइकिल के
अगले टायर को लेकर परेशान हैं
जिसका बदलना
अब नितान्‍त ज़रूरी हो गया है?
या परेशान हैं घुटनों के दर्द से
जो प्रायः इसी मौसम में
जकड़ लेता है आपको?

मैं चाहता हूँ कि आप अपनी व्‍यस्‍तता से
बस थोड़ा-सा समय निकालिए
और सोचिए नहीं सिर्फ़ देखिए
टूटना पतझड़ में पीले पत्‍तों का

क्‍या आप महसूस कर सकते हैं
एक समूचे पेड़ का दर्द
जो उसकी जड़ों से लेकर
फुनगियों तक बह रहा है?

उम्र के अन्तिम दिनों में हैं अभी पत्‍ते

क्‍या आप देखकर बता सकते हैं
कि उनमें कॉंप रहा है क्‍या कुछ?
जीवन? स्‍मृति? मृत्‍यु?
या सिर्फ़ उन्‍हीं की अंतिम साँसें?

पत्‍तों में काँपता है पृथ्‍वी का मन
प्‍यार, स्‍वप्‍न और
अदम्‍य आकाँक्षाओं से भरा मन

क्‍या आप सिर्फ़ एक बार
पूरे साहस के साथ
देख सकते हैं
एक प्‍यार से भरे मन का टूटना?