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"तपन / नन्दल हितैषी" के अवतरणों में अंतर
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कछार के / इस टीले के नीचे | कछार के / इस टीले के नीचे | ||
बबूल के कुछ ठूँठ ...... | बबूल के कुछ ठूँठ ...... |
01:57, 2 मई 2010 के समय का अवतरण
कछार के / इस टीले के नीचे
बबूल के कुछ ठूँठ ......
आक्रोश में
तमतमाया सूरज.
बेवाई
पाँव में नहीं
सिर में फट रही है.
नागफनी की परछाई भी
एक गौरैय्ये को
भली लग रही है.
जिसकी छाँव में
काँटॆ ही काँटॆ?