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"बरखा का एक दिन / अनातोली परपरा" के अवतरणों में अंतर
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Pratishtha (चर्चा | योगदान) छो (बरखा का एक दिन / अनातोली पारपरा का नाम बदलकर बरखा का एक दिन / अनातोली परपरा कर दिया गया है) |
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हवा बही जब बड़े ज़ोर से | हवा बही जब बड़े ज़ोर से | ||
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बरसी वर्षा झम-झमा-झम | बरसी वर्षा झम-झमा-झम | ||
− | + | मन में उठी कुछ ऐसी झंझा | |
− | मन में उठी कुछ | + | |
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दिल थाम कर रह गए हम | दिल थाम कर रह गए हम | ||
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गरजे मेघा झूम-झूम कर | गरजे मेघा झूम-झूम कर | ||
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जैसे बजा रहे हों साज | जैसे बजा रहे हों साज | ||
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ता-ता थैया नाचे धरती | ता-ता थैया नाचे धरती | ||
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ख़ुशियाँ मना रही वह आज | ख़ुशियाँ मना रही वह आज | ||
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भीग रही बरखा के जल में | भीग रही बरखा के जल में | ||
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तेरी कोमल चंदन-काया | तेरी कोमल चंदन-काया | ||
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मन मेरा हुलस रहा, सजनी | मन मेरा हुलस रहा, सजनी | ||
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घेरे है रति की माया | घेरे है रति की माया | ||
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21:40, 7 मई 2010 का अवतरण
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हवा बही जब बड़े ज़ोर से
बरसी वर्षा झम-झमा-झम
मन में उठी कुछ ऐसी झंझा
दिल थाम कर रह गए हम
गरजे मेघा झूम-झूम कर जैसे बजा रहे हों साज ता-ता थैया नाचे धरती ख़ुशियाँ मना रही वह आज
भीग रही बरखा के जल में तेरी कोमल चंदन-काया मन मेरा हुलस रहा, सजनी घेरे है रति की माया </poem>