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"मौत के बारे में सोच / अनातोली परपरा" के अवतरणों में अंतर
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मौत के बारे में सोच | मौत के बारे में सोच | ||
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और उलीच मत सब-कुछ | और उलीच मत सब-कुछ | ||
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अपने दोनों हाथों से अपनी ही ओर | अपने दोनों हाथों से अपनी ही ओर | ||
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हो नहीं लालच की तुझ में ज़रा भी लोच | हो नहीं लालच की तुझ में ज़रा भी लोच | ||
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मौत के बारे में सोच | मौत के बारे में सोच | ||
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भूल जा अभिमान, क्रोध, अहम | भूल जा अभिमान, क्रोध, अहम | ||
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ख़ुद को विनम्र बना इतना | ख़ुद को विनम्र बना इतना | ||
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किसी को लगे नहीं तुझ से कोई खरोंच | किसी को लगे नहीं तुझ से कोई खरोंच | ||
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मौत के बारे में सोच | मौत के बारे में सोच | ||
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दे सबको नेह अपना | दे सबको नेह अपना | ||
− | + | दूसरों के लिए उँड़ेल सदा हास-विहास | |
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फिर न तुझ को लगेगा जीवन यह अरोच | फिर न तुझ को लगेगा जीवन यह अरोच | ||
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देख, देख, देख बन्धु ! | देख, देख, देख बन्धु ! | ||
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रीता नहीं रहेगा फिर कभी तेरा मन | रीता नहीं रहेगा फिर कभी तेरा मन | ||
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प्रसन्न रहेगा तू हमेशा, हर क्षण | प्रसन्न रहेगा तू हमेशा, हर क्षण | ||
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21:55, 7 मई 2010 का अवतरण
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मौत के बारे में सोच
और उलीच मत सब-कुछ
अपने दोनों हाथों से अपनी ही ओर
हो नहीं लालच की तुझ में ज़रा भी लोच
मौत के बारे में सोच
भूल जा अभिमान, क्रोध, अहम
ख़ुद को विनम्र बना इतना
किसी को लगे नहीं तुझ से कोई खरोंच
मौत के बारे में सोच
दे सबको नेह अपना
दूसरों के लिए उँड़ेल सदा हास-विहास
फिर न तुझ को लगेगा जीवन यह अरोच
देख, देख, देख बन्धु !
रीता नहीं रहेगा फिर कभी तेरा मन
प्रसन्न रहेगा तू हमेशा, हर क्षण