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"नाचइ नदिया बीच हिलोर / कन्नौजी" के अवतरणों में अंतर

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लागै सोरहों बसंत को<br />
 
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सूधे परैं न पाँव
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हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं
 
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हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं
 
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं

10:53, 8 मई 2010 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: आत्मप्रकाश शुक्ल

नाचइ नदिया बीच हिलोर
वनमां नचइ बसंती मोर
लागै सोरहों बसंत को
सिंगारु गोरिया।
सूधे परैं न पाँव
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं बयस बावरी मुँहु बिदकाबै को गीता कौ बाँचै चिड़िया चाहै पंख पसार उड़िबो दूरि गगन के पास