भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नाचइ नदिया बीच हिलोर / कन्नौजी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
सिंगारु गोरिया।<br /> | सिंगारु गोरिया।<br /> | ||
सूधे परैं न पाँव<br /> | सूधे परैं न पाँव<br /> | ||
− | हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं | + | हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं<br /> |
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं | हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं | ||
बयस बावरी मुँहु बिदकाबै | बयस बावरी मुँहु बिदकाबै |
10:54, 8 मई 2010 का अवतरण
♦ रचनाकार: आत्मप्रकाश शुक्ल
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
नाचइ नदिया बीच हिलोर
वनमां नचइ बसंती मोर
लागै सोरहों बसंत को
सिंगारु गोरिया।
सूधे परैं न पाँव
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं
बयस बावरी मुँहु बिदकाबै
को गीता कौ बाँचै
चिड़िया चाहै पंख पसार
उड़िबो दूरि गगन के पास