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भूख के प'श्न हल कर रहा जो उसे
 
है जरूरत नहीं कोई कुछ ज्ञान दे
 
कर्म से हो विमुख व्यक्ति गीता रटे
 
और चाहे कि युग उसको सम्मान दे
 
ऐसे भूले पथिक को पतित पंक से
 
खींच कर कर्म के पंथ पर लाइए।