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"दिल में रहते थे कभी आपके हम, भूल गये! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:10, 22 मई 2010 का अवतरण


दिल में रहते थे कभी आपके हम, भूल गये!
उम्र भर की थी निभाने के क़सम, भूल गये!

बड़े भोले हैं, बड़े दूध के धोये हैं आज
पीके जब प्यार में बहके थे क़दम, भूल गये!

वे भी दिन थे कि हमीं आये हरेक बात में याद
आज हर बात में कहते हैं कि हम भूल गये

हमसे काँटे भी निकलवाये थे तलवों के कभी
आके मंजिल पे सभी राह के ग़म भूल गये!

अब तो कहते हैं कि भाते ही नहीं हमको गुलाब
आपके दिल को कभी था ये वहम, भूल गये!