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"चपल पलक से कुटिल अलक से / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
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18:23, 22 मई 2010 के समय का अवतरण
चपल पलक से कुटिल अलक से
बिंध बँध कर होना हत मूर्छित,
सतत मचलना, वृत्ति बदलना
हृदय, तुम्हारा यदि स्वभाव नित!
फिर अंतिम क्षण तजना प्रिय तन
प्राण, तुम्हारा अगर यही प्रण,
विधि ने क्यों कर तो प्रिय सहचर
मुझे दिये—जीवन, नव यौवन?