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"उमर दो दिन का यह संसार / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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22:41, 22 मई 2010 के समय का अवतरण

उमर दो दिन का यह संसार
लबालब भर ले उर भृंगार!
क्षणिक जीवन यौवन का मेल,
सुरा प्याली का फेनिल खेल!
देख, वन के फूलों की डाल
ललक खिलती, झरती तत्काल!
व्यर्थ मत चिन्ता कर, नादान,
पान कर मदिराधर कर पान!