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जाड़े की शाम
 
कमरा ठंडा  ठ  न्  डा
 
कमरा ठंडा  ठ  न्  डा
इस वक्त यही खबर है
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इस वक़्त यही ख़बर है
  
 
- हालाँकि समाचार का टाइम हो गया है
 
- हालाँकि समाचार का टाइम हो गया है
  
कुछेक खबरें पढ़ी जा चुकी हैं
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कुछेक ख़बरें पढ़ी जा चुकी हैं
  
 
और नीली आँखों वाली ऐश्वर्य का ब्रेक हुआ है
 
और नीली आँखों वाली ऐश्वर्य का ब्रेक हुआ है
है खबर अँधेरे की भी
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है ख़बर अँधेरे की भी
  
 
काँच के पार जो और भी ठंडा
 
काँच के पार जो और भी ठंडा
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थोड़ी देर पहले अँधेरे से लौटा हूँ
 
थोड़ी देर पहले अँधेरे से लौटा हूँ
  
डर के साथ छोड़ आया उसे दरवाजे पर
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डर के साथ छोड़ आया उसे दरवाज़े पर
यहाँ खबर प्रकाश की जिसमें शून्य है
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यहाँ ख़बर प्रकाश की जिसमें शून्य है
  
 
जिसमें हैं चिंताएं, आकांक्षाएँ, अपेक्षाएँ
 
जिसमें हैं चिंताएं, आकांक्षाएँ, अपेक्षाएँ
  
 
अकेलेपन का कायर सुख
 
अकेलेपन का कायर सुख
और बेचैनी……..
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और बेचैनी...
  
……..इसी वक्त प्यार की खबर सुनने की
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...इसी वक़्त प्यार की ख़बर सुनने की
  
सुनने की खबर साँस, प्यास और आस की
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सुनने की ख़बर साँस, प्यास और आस की
 
कितनी देर से हम अपनी
 
कितनी देर से हम अपनी
  
खबर सुनने को बेचैन हैं।</poem>
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ख़बर सुनने को बेचैन हैं।
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13:14, 24 मई 2010 के समय का अवतरण

जाड़े की शाम
कमरा ठंडा ठ न् डा
इस वक़्त यही ख़बर है

- हालाँकि समाचार का टाइम हो गया है

कुछेक ख़बरें पढ़ी जा चुकी हैं

और नीली आँखों वाली ऐश्वर्य का ब्रेक हुआ है
है ख़बर अँधेरे की भी

काँच के पार जो और भी ठंडा

थोड़ी देर पहले अँधेरे से लौटा हूँ

डर के साथ छोड़ आया उसे दरवाज़े पर
यहाँ ख़बर प्रकाश की जिसमें शून्य है

जिसमें हैं चिंताएं, आकांक्षाएँ, अपेक्षाएँ

अकेलेपन का कायर सुख
और बेचैनी...

...इसी वक़्त प्यार की ख़बर सुनने की

सुनने की ख़बर साँस, प्यास और आस की
कितनी देर से हम अपनी

ख़बर सुनने को बेचैन हैं।