भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"श्यामल दूर्वा पुलकित भूतल / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत |संग्रह= मधुज्वाल / सुमित्रान…)
 
छो ("श्यामल दूर्वा पुलकित भूतल / सुमित्रानंदन पंत" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

18:27, 24 मई 2010 के समय का अवतरण

श्यामल, दूर्वा दल स्मित भूतल,
रंग भरा फूलों का अंचल,
यह क्या कुछ कम? उस पर शबनम
कँपती पंखड़ियों पर चंचल!
चुवा चुवा नव कुसुमों का रँग
साक़ी, हाला से भर अंतर,
फिर न रहेगी यह बहार,
हम तुम, तृण, शबनम, कुसुम,
पात्र भर!