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"चुपके से कोई कहता है / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर
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चुपके से कोई कहता है : शाइर नहीं हूँ मैं । | चुपके से कोई कहता है : शाइर नहीं हूँ मैं । | ||
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क्यों अस्ल में हूँ वो जो बज़ाहिर नहीं हूँ मैं । | क्यों अस्ल में हूँ वो जो बज़ाहिर नहीं हूँ मैं । | ||
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भटका हुआ-सा फिरता है दिल किस ख़याल में | भटका हुआ-सा फिरता है दिल किस ख़याल में | ||
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क्या जादए-वफ़ा का मुसाफ़िर नहीं हूँ मैं ? | क्या जादए-वफ़ा का मुसाफ़िर नहीं हूँ मैं ? | ||
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क्या वसवसा है, पा के भी तुमको यक़ीं नहीं | क्या वसवसा है, पा के भी तुमको यक़ीं नहीं | ||
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मैं हूँ जहाँ वहीं भी तो आख़िर नहीं हूँ मैं । | मैं हूँ जहाँ वहीं भी तो आख़िर नहीं हूँ मैं । | ||
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सौ बार उम्र पाऊँ तो सौ बार जान दूँ | सौ बार उम्र पाऊँ तो सौ बार जान दूँ | ||
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सदक़े हूँ अपनी मौत पे काफ़िर नहीं हूँ मैं । | सदक़े हूँ अपनी मौत पे काफ़िर नहीं हूँ मैं । | ||
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00:42, 25 मई 2010 के समय का अवतरण
चुपके से कोई कहता है : शाइर नहीं हूँ मैं ।
क्यों अस्ल में हूँ वो जो बज़ाहिर नहीं हूँ मैं ।
भटका हुआ-सा फिरता है दिल किस ख़याल में
क्या जादए-वफ़ा का मुसाफ़िर नहीं हूँ मैं ?
क्या वसवसा है, पा के भी तुमको यक़ीं नहीं
मैं हूँ जहाँ वहीं भी तो आख़िर नहीं हूँ मैं ।
सौ बार उम्र पाऊँ तो सौ बार जान दूँ
सदक़े हूँ अपनी मौत पे काफ़िर नहीं हूँ मैं ।
रचनाकाल : 1971