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"भूला हुआ था आज तलक / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर
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भूला हुआ था आज तलक अपने घर को मैं | भूला हुआ था आज तलक अपने घर को मैं | ||
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क्या जाने चल दिया था कहाँ के सफ़र को मैं | क्या जाने चल दिया था कहाँ के सफ़र को मैं | ||
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तुम मुस्कुरा रहे थे मुझे देख-देख कर | तुम मुस्कुरा रहे थे मुझे देख-देख कर | ||
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अपनी समझ रहा था हरेक की नज़र को मैं | अपनी समझ रहा था हरेक की नज़र को मैं | ||
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गर्दिश से उन निगाहों को कुछ होश आ गया | गर्दिश से उन निगाहों को कुछ होश आ गया | ||
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दुशमन समझ रहा था ख़ुद अपनी नज़र को मैं | दुशमन समझ रहा था ख़ुद अपनी नज़र को मैं | ||
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ऎसे भी मोड़ आए हैं चुपचाप बार-बार | ऎसे भी मोड़ आए हैं चुपचाप बार-बार | ||
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तकता था राहबर मुझे और राहबर को मैं | तकता था राहबर मुझे और राहबर को मैं | ||
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'शमशेर' और कुछ नहीं दुनिया जहान में | 'शमशेर' और कुछ नहीं दुनिया जहान में | ||
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इक दिल है, ढूंढता हूँ, उसी बेख़बर को मैं | इक दिल है, ढूंढता हूँ, उसी बेख़बर को मैं | ||
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01:24, 25 मई 2010 के समय का अवतरण
भूला हुआ था आज तलक अपने घर को मैं
क्या जाने चल दिया था कहाँ के सफ़र को मैं
तुम मुस्कुरा रहे थे मुझे देख-देख कर
अपनी समझ रहा था हरेक की नज़र को मैं
गर्दिश से उन निगाहों को कुछ होश आ गया
दुशमन समझ रहा था ख़ुद अपनी नज़र को मैं
ऎसे भी मोड़ आए हैं चुपचाप बार-बार
तकता था राहबर मुझे और राहबर को मैं
'शमशेर' और कुछ नहीं दुनिया जहान में
इक दिल है, ढूंढता हूँ, उसी बेख़बर को मैं