भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कहीं मैं हो जाऊँ लयमान / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन }} कहीं मैं हो जाऊँ लयमान, कहाँ …)
(कोई अंतर नहीं)

13:07, 26 मई 2010 का अवतरण


कहीं मैं हो जाऊँ लयमान,

कहाँ लय होगा मेरा राग,

विषम हालाहल का भी पान

बढ़ाएगा ही मेरा आग,


नहीं वह मिटने वाला राग
जिसे लेकर चलती है आग,
नहीं वह बुझने वाली आग
उठाती चलती है जो राग!