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20:46, 28 मई 2010 का अवतरण
दिया जग को तुझसे जो पाया
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रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | गीत |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
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- तुझे पाया अपने को खोकर / गुलाब खंडेलवाल
- गीत जा रहे गगन के पार / गुलाब खंडेलवाल
- सत्य कहना, हे जगदाधार! / गुलाब खंडेलवाल
- कहाँ जायेगी यह झंकार / गुलाब खंडेलवाल
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