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"एक कविता उदासी की / कुमार सौरभ" के अवतरणों में अंतर
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इस घर से लक्ष्मी रहती है उदास | इस घर से लक्ष्मी रहती है उदास | ||
घर की राजकुमारियों की तरह | घर की राजकुमारियों की तरह | ||
जिनके सपनों में भी नहीं होता | जिनके सपनों में भी नहीं होता | ||
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सपने भी तब आते हैं | सपने भी तब आते हैं |
20:24, 30 मई 2010 का अवतरण
बचपन में दादी
सुनाती थी एक कहानी
सफ़ेद घोड़ी पर चढ़कर
एक राजकुमार आता था
और अपनी प्रिय राजकुमारी को
ब्याह कर ले जाता था राजमहल
उस उदास लगने वाले
घर के सामने से
लेकिन भूल से भी
कोई राजकुमार नहीं गुजरता
ऐसा नहीं है कि
इस घर की राजकुमारियों में कोई कमी है
सिवाय इसके कि
इस घर से लक्ष्मी रहती है उदास
घर की राजकुमारियों की तरह
जिनके सपनों में भी नहीं होता
सफ़ेद घोड़ी वाला राजकुमार
सपने भी तब आते हैं
जब तकिये के नीचे नगद हो !
( प्रकाशित- वागर्थ: नवम्बर 2007)