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"होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है / इरफ़ान सिद्दीकी" के अवतरणों में अंतर

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08:46, 31 मई 2010 का अवतरण

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होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है
दर्द कम सहता है एलान बहुत करता है

रात को जीत तो सकता नहीं लेकिन ये चराग
कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है