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"अनसुना / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर
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11:46, 4 जून 2010 के समय का अवतरण
बहुत कुछ अनसुना-अनजाना रह जाता है हमसे
जिसकी हम परवाह नहीं करते
जबकि वह गूँजता रहता है हमारे चारों ओर
जितनी उसकी गूँज बढ़ती जाती है, उतना हमारा बहरापन