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"प्रेम में रोना / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर

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12:06, 4 जून 2010 के समय का अवतरण

कई बार हमें
इतना प्रेम मिलता है
इतना कि हम डरकर
रोने लग जाते हैं
और इतना रोते हैं
कि हमसे प्रेम करने वाला
दुबारा लौटकर नहीं आता