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"कहावतें / मदन कश्यप" के अवतरणों में अंतर

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किसी न किसी सच पर ही  
 
किसी न किसी सच पर ही  

21:40, 5 जून 2010 का अवतरण

किसी न किसी सच पर ही
टिकी होती हैं कहावतें
परंतु एक बार जब वे चल जाती हैं
तो सच्चाई बिल्कुल ओझल हो जाती है
फिर कहावतों को सच मानकर
सच को नकारने लगते हैं हम

हंस दूध का दूध और पानी का पानी नहीं करता
करता यह है कि सारा दूध पी जाता है
और छोड़ देता है पानी!