भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[हर घड़ी इस तरह मत सोचा करो / सर्वत एम जमाल]]
* [[हम न काग़ज़ हैं न कोई सींक हैं / सर्वत एम जमाल]]
* [[मुझे ये वक्त घुटन से रिहाई भी देगा / सर्वत एम जमाल]]
* [[हर घड़ी इस तरह मत सोचा करो / सर्वत एम जमाल]]
</sort>