भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हम आपके हैं कौन / जूते दे दो पैसे ले लो" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(Aditi kailash (वार्ता) के अवतरण 83129 को पूर्ववत किया)
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
 
<poem>  
 
<poem>  
  
दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों
+
दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों \- २
जूते दे दो पैसे ले लो
+
जूते दे दो पैसे लेलो
जूते दे दो पैसे ले लो
+
को: जूते दे दो पैसे लेलो
  
दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर
+
दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर \- २
पैसे दे दो जूते ले लो
+
पैसे देदो जूते लेलो
पैसे दे दो जूते ले लो
+
को: पैसे देदो जूते लेलो
  
 
हे हे हे हे
 
हे हे हे हे
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
अजी नोट गिनो जी, जूते लाओ
 
अजी नोट गिनो जी, जूते लाओ
 
जिद छोड़ो जी, जूते लाओ
 
जिद छोड़ो जी, जूते लाओ
फ्रॉड हैं क्या हम, तुम ही जानो
+
Fraudहैं क्या हम, तुम ही जानो
 
अकड़ू हो तुम, जो भी मानो
 
अकड़ू हो तुम, जो भी मानो
जो भी मानो, जो भी मानो
+
को: जो भी मानो, जो भी मानो
 
+
 
अजी बात बढ़ेगी, बढ़ जाने दो
 
अजी बात बढ़ेगी, बढ़ जाने दो
 
माँग चढ़ेगी, चढ़ जाने दो
 
माँग चढ़ेगी, चढ़ जाने दो
 
पड़ो ना ऐसे, पहले जूते
 
पड़ो ना ऐसे, पहले जूते
पहले जूते पहले जूते
+
को: पहले जूते पहले जूते
 
+
 
जूते लिये हैं नहीं चुराया कोई जेवर
 
जूते लिये हैं नहीं चुराया कोई जेवर
 
दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर
 
दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर
पैसे दे दो जूते ले लो
+
पैसे देदो जूते लेलो
जूते दे दो पैसे ले लो
+
जूते देदो पैसे लेलो \- २
  
 
कुछ ठँडा पी लो, मूड नहीं है
 
कुछ ठँडा पी लो, मूड नहीं है
पंक्ति 38: पंक्ति 36:
 
कुल्फ़ी खा लो, बहुत खा चुके
 
कुल्फ़ी खा लो, बहुत खा चुके
 
पान खा लो, बहुत खा चुके
 
पान खा लो, बहुत खा चुके
बहुत खा चुके बहुत खा चुके
+
को: बहुत खा चुके बहुत खा चुके
 
+
 
अजी रसमलाई, आपके लिये
 
अजी रसमलाई, आपके लिये
 
इतनी मिठाई, आपके लिये
 
इतनी मिठाई, आपके लिये
 
पहले जूते, खाएँगे क्या
 
पहले जूते, खाएँगे क्या
 
आपकी मर्जी, नाजी तौबा
 
आपकी मर्जी, नाजी तौबा
नाजी तौबा नाजी तौबा
+
को: नाजी तौबा नाजी तौबा
 
+
 
किसी बेतुके शायर की बेसुरी क़व्वालियों
 
किसी बेतुके शायर की बेसुरी क़व्वालियों
 
दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों
 
दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों
जूते दे दो पैसे ले लो
+
जूते देदो पैसे लेलो \- २
  
 
हे हे हे हे
 
हे हे हे हे
जूते दे दो पैसे ले लो
+
जूते देदो पैसे ले लो \- ४

19:45, 7 जून 2010 का अवतरण

रचनाकार: रविंदर रावल                 

 

दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों \- २
जूते दे दो पैसे लेलो
को: जूते दे दो पैसे लेलो

दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर \- २
पैसे देदो जूते लेलो
को: पैसे देदो जूते लेलो

हे हे हे हे

अजी नोट गिनो जी, जूते लाओ
जिद छोड़ो जी, जूते लाओ
Fraudहैं क्या हम, तुम ही जानो
अकड़ू हो तुम, जो भी मानो
को: जो भी मानो, जो भी मानो
अजी बात बढ़ेगी, बढ़ जाने दो
माँग चढ़ेगी, चढ़ जाने दो
पड़ो ना ऐसे, पहले जूते
को: पहले जूते पहले जूते
जूते लिये हैं नहीं चुराया कोई जेवर
दुल्हन के देवर तुम दिखलाओ ना ये तेवर
पैसे देदो जूते लेलो
जूते देदो पैसे लेलो \- २

कुछ ठँडा पी लो, मूड नहीं है
दही बड़े लो, मूड नहीं है
कुल्फ़ी खा लो, बहुत खा चुके
पान खा लो, बहुत खा चुके
को: बहुत खा चुके बहुत खा चुके
अजी रसमलाई, आपके लिये
इतनी मिठाई, आपके लिये
पहले जूते, खाएँगे क्या
आपकी मर्जी, नाजी तौबा
को: नाजी तौबा नाजी तौबा
किसी बेतुके शायर की बेसुरी क़व्वालियों
दूल्हे की सालियों ओ हरे दुपट्टे वालियों
जूते देदो पैसे लेलो \- २

हे हे हे हे
जूते देदो पैसे ले लो \- ४