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"मुश्किलें आएँगी जब, ये फैसला हो जाएगा / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर
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मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा | मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा |
10:19, 9 जून 2010 का अवतरण
मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा
कौन है पानी में कितने, सब पता हो जाएगा
दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर
तुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा
लाए थे दुनियाँ में क्या तुम, लेके तुम क्या जाओगे
ये महल, ये रिश्ते-नाते, सब जुदा हो जाएगा
गर दुआ माँगोगे दिल से, और उस पे हो यक़ी
जब बुरा होना भी होगा, तो भला हो जाएगा
आरज़ू थी फूल इक, दामन में मेरे जाए खिल
सोचती हूँ न हुआ तो, क्या ख़ला हो जाएगा
ज़िंदगी का रास्ता होगा, बड़ा काँटों भरा
साथ तुम होगे तो “श्रद्धा” हौसला हो जाएगा