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"दिल वालों की बस्ती है / देवमणि पांडेय" के अवतरणों में अंतर

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दिल वालों की बस्ती है
 
दिल वालों की बस्ती है
 
 
यहाँ मौज और मस्ती है।
 
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पत्थर दिल है ये दुनिया
 
पत्थर दिल है ये दुनिया
 
 
मज़बूरों पर हँसती है।
 
मज़बूरों पर हँसती है।
 
  
 
ख़ुशियों की इक झलक मिले
 
ख़ुशियों की इक झलक मिले
 
 
सबकी रूह तरसती है।
 
सबकी रूह तरसती है।
 
  
 
क्यों ना दरिया पार करें
 
क्यों ना दरिया पार करें
 
 
हिम्मत की जब कश्ती है।
 
हिम्मत की जब कश्ती है।
 
  
 
हर इक इन्सां के दिल में
 
हर इक इन्सां के दिल में
 
 
अरमानों की बस्ती है।
 
अरमानों की बस्ती है।
 
  
 
महंगी है हर चीज़, मियाँ
 
महंगी है हर चीज़, मियाँ
 
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मौत यहाँ पर सस्ती है।
मौत यहां पर सस्ती है।
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उससे आँख मिलाएँ,वो
 
उससे आँख मिलाएँ,वो
 
 
सुना है ऊँची हस्ती है।
 
सुना है ऊँची हस्ती है।
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22:31, 9 जून 2010 का अवतरण

दिल वालों की बस्ती है यहाँ मौज और मस्ती है।

पत्थर दिल है ये दुनिया मज़बूरों पर हँसती है।

ख़ुशियों की इक झलक मिले सबकी रूह तरसती है।

क्यों ना दरिया पार करें हिम्मत की जब कश्ती है।

हर इक इन्सां के दिल में अरमानों की बस्ती है।

महंगी है हर चीज़, मियाँ मौत यहाँ पर सस्ती है।

उससे आँख मिलाएँ,वो सुना है ऊँची हस्ती है। </poem>