भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"होगी तेरी धूम बच्चा / सर्वत एम जमाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सर्वत एम जमाल }} {{KKCatGhazal}} <poem> होगी तेरी धूम बच्चा पाँ…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:03, 10 जून 2010 के समय का अवतरण
होगी तेरी धूम बच्चा
पाँव सब के चूम बच्चा
लोग सब कुछ वार देंगे
बेतहाशा झूम बच्चा
दीन क्या है, धर्म क्या है?
हमको क्या मालूम बच्चा !
कौन जालिम है यहाँ पर
सब तो हैं मजलूम बच्चा
हम से दौलत चाहता है?
हम भी हैं महरूम बच्चा
थम गयी है अब हवा यूँ
जैसे इक मासूम बच्चा
तुझको कुर्सी की तलब है?
ले तिरंगा, घूम बच्चा